Thursday 10 November 2011

जज्बात!!!!

अनजाने चेहरों  में कोई पहचाना ढूंढता हूँ ,
दुनिया की इस भीड़ में अपने को ढूंढता हूँ...|
राह है सामने मगर राही को ढूंढता हूँ,
साथ हैं कई मगर साथी को ढूंढता हूँ........|
खो गयी है जो आवाज उसको मैं  ढूंढता हूँ,
बिखर गए है जो सपने  उसको मैं संजोता हूँ...|
दिल की गलियों  में बिखरे यादों को ढूंढता हूँ,
बीते हुए हर पल की महक को ढूंढता हूँ...|
मंजिल की तलाश में सुकून को ढूंढता हूँ,
शिखर पर चढ़ने की  जूनून को ढूंढता हूँ....|
खोये हुए हौसले को फिर से मैं ढूंढता हूँ,
टूटे हुए उमंगो को फिर से मैं जोड़ता हूँ....|


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