Friday 30 November 2012

## मुझे जीवन दान दो ##



माँ सुनलो बिनती मेरी ,
दर्द भरी दास्तान मेरी ,
किस लिए तुम हो इतनी बेचारी ??
कोख में करती हो धारण ,
रक्त मांस भरे तन को मेरे देती हो जीवन ,
फिर क्यों दुनिया में लाती नहीं मुझको,
कोख में क़त्ल करके क्या मिलता है तुझको,
नौ महीने का जगह तो सिर्फ माँगा था,
इसके बाद कही छोड़ दिया होता अनाथ,
जी लेती अपनी किस्मत के सहारे ...|
पर तूने मार दिया मुझको तीन महीने में ,
ज़रा सोचा होता क्या बीती मुझ पर ,
जब तू गयी थी डॉक्टर के पास,
सहमी सी ,कांपती रही आसन्न मौत के डर से ,
यमराज के दूत बनकर उस पापी डॉक्टर ने ,
कुचल दिया मेरे कोमत तन को ...|
माँ !क्या तुझे दया नहीं आयी ???
कहा सुख गया तेरा प्यार भरा ममता का सागर??
ये तो सोच लिया होता क्षण भर के लिए ..
'मैं' अगर मिटता रहा इस तरह ,
तुम्हारा रूप ही मिट जायेगा ,
मानव ,जननी को तरसता रह जायेगा ..|
तब मेरे श्राप के प्रभाब से ,
इस दुनियाँ का अंत  अवश्य हो जायेगा ...|

Tuesday 13 November 2012

***एक दीप जला दो ***

जगमगा उठे भारत भूमि ,
रोशनी फैल जाये चारों ओर ,
मिट जाये दिलों की अंधेरा ,
फैल जाये अमन भाईचारा ,
                               आज ये एलान करदो 
                                बस एक दीप  जला दो ......(1)
स्नेह प्यार का सन्देश फैला कर ,
मिट जाये दिलों की दूरियाँ ,
ज्ञान बिज्ञान की बत्ती जला कर ,
हट जाये अज्ञान की परछाईयाँ ,
                                  आशा की एक लौ जला दो ,
                                   बस एक दीप जला दो      (2)
तारों से सजी रहे आँगन सब की ,
हर चेहरे पे खुशियाँ हो ,
 सुख शांति का रहे बसेरा ,
इस धरती ही जन्नत का आधार हो,
                                      दुश्मन को भी दोस्त बना दो,
                                       बस प्यार का एक दीप जला दो (3)
न रहे बेसहारा कोई भी बच्चा ,
न रहे कोई भी भूखा प्यासा ,
न अवला पर अत्याचार हो ,
भ्रष्टाचार के राक्षस को जला कर ,
पापियों का सर्वनाश हो,
असत्य पर सत्य का विजय हो,
                                     फिर से सत्य की जोत जला दो ,
                                     बस एक दीप जला दो ..........(4)