किसी झील की अधखिली
प्यारी कमल हो तुम,
भौंरा हो जाये मतवाला देख
ऐसी मदमाती कलि हो तुम....|(१)
काली नागिन के जैसी
बिखरी लटें तुम्हारी,
हिरनी के जैसी
मस्ती भरी आँखें तुम्हारी,
हुस्न की परी हो
जहाँन की मल्लिका हो तुम...(२)
सूरज की लालिमा हो
चन्द्रमा की चांदनी हो तुम,
कवी का ख्वाब
शायर की शायरी हो तुम....(३)
तुम्हारी मुस्कान पे
खिली गुलाब सरमाये,
पलक झुके तो शाम हो
उठे तो सुबह हो जाये,
पलक झुके तो शाम हो
उठे तो सुबह हो जाये,
तुम्हारी क्या तारीफ़ करूँ
आशिक दिल की अरमान हो तुम....(४)
मेरे रग रग में बसी हो
मेरी धड़कन हो तुम,
तुम बिन मौत भली
मेरे जीने का सामान हो तुम.....( ५)
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