जीवन के कितने रंग है कौन यह बतला सकता है,
आदमी तो धरती पे अपना करम निभाने आता है.....(१)
यहाँ किसी को इत्तेफाक से कभी कुछ मिल जाता है,
उसके बदले खोना भी तो जरूर कुछ पड़ता है........(२)
यहाँ सभी अपना अपना नसीब लेकर आते हैं,
पता नहीं यह नसीब आदमी को क्या से क्या बना देता है..(३)
यहाँ मेहनत पर ही अपना तक़दीर बदल सकता है,
फिर ज़िन्दगी से भला कोई शिकायत क्यों करता है....(४)
खुदा ने तो हम सभी को इस जहान में भेजा है,
अपना अपना करम करके हमको महान बनना है...(५)
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