Tuesday 10 May 2011

बात नयी क्या है...

यहाँ तो ....
दिन बदल जाता है ,
महिना बदल जाता है ,
साल बदल जाता है,
इंसान बदल जाए तो बात नयी क्या है.......1
रात को तारे टूट जाते है,
सुबह को सपने टूट जाते हैं,
किसी का दिल टूट जाए तो बात नयी क्या है.......२
लोग दर्द भूल जाते हैं,
अपनों को खोने का गम भूल जाते हैं,
गुजारे हुए हर पल भूल जाए तो बात नयी क्या है....३
हर रंग बदल जाता है,
जीने का ढंग बदल जाता है,
किये वादे बदल जाए तो बात नयी क्या है....४
रास्ते छूट जाते हैं,
मंजिलें छूट जाता है,
किनारे छूट जाते हैं,
साथी छूट जाए तो बात नयी क्या है....५



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